COP26 Diary 01-11-2021

01/11/2021

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ग्लासगो में चल रहे 26वे संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन यानी सीओपी-26 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अपने संबोधन में भारत की तरफ से पांच बिंदु रखे गए। इन पांच बिन्दुओं में प्रधानमंत्री मोदी ने, 2030 तक भारत द्वारा अपनी गैर जीवाश्म ऊर्जा क्षमता को 500 गीगावाट तक ले जाने, 50 प्रतिशत ऊर्जा आवश्यकताओं की पूर्ति अक्षय ऊर्जा स्रोतों से करने, अपने कुल अनुमानित कार्बन उत्सर्जन में एक अरब टन की कमी लाने, अर्थव्यवस्था की कार्बन तीव्रता को 45 प्रतिशत से कम करने तथा 2070 तक शून्य उत्सर्जन के लक्ष्य को प्राप्त करने का भरोसा दिया है। यह तथ्य भी उल्लेखनीय होगा कि दुनिया की 17 प्रतिशत आबादी वाला देश होने के बावजूद भारत केवल 5 प्रतिशत उत्सर्जन ही करता है। इसका कारण यही है कि भारत जलवायु परिवर्तन के विरुद्ध लड़ाई में अपने दायित्वों को समझता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में LIFE शब्द का विस्तार लाइफस्टाइल फॉर एनवायरमेंट करते हुए विश्व के समक्ष वन वर्ड मूवमेंट का प्रस्ताव रखा। प्रधानमंत्री पहले भी सतत जीवनशैली जिसका मूल भारतीय लोकजीवन में है, पर बल देते रहे हैं। आज जलवायु एवं पर्यावरण के विषय पर यह ‘वन वर्ड’ निश्चित रूप से ‘वन वर्ल्ड’ का आधार बन सकता है।

विकास की नीतियों और योजनाओं में न्यूनीकरण (Mitigation) के बजाय अनुकूलन (Adaptation) को अपनाने पर प्रधानमंत्री मोदी ने बल दिया। देखा जाए तो भारत में नल से जल, स्वच्छ भारत, क्लीन कूकिंग फ्यूल फॉर ऑल जैसी परियोजनाओं से हमारे जरूरतमंद नागरिकों को एडाप्टेशन बेनेफिट्स तो मिले ही हैं, उनका जीवनस्तर भी सुधरा है।

इसमें कोई दो राय नहीं है कि इस जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने एकबार फिर दुनिया को इस संकट से निपटने के लिए सही दिशा दिखाने का काम किया है।